बसेरा वही है...
December 28, 2010
December 22, 2010
once upon a time...the "twain" did meet!
...what struck me, when I visited the Humayun's Tomb in Delhi some years back, was this Jewish "Star of David" on a Muslim tomb...
perhaps the social realities were different then, than now when the Israel-Palestine issue continues....
reminded me of our own सांझी विरासत....
perhaps the social realities were different then, than now when the Israel-Palestine issue continues....
reminded me of our own सांझी विरासत....
December 20, 2010
....और उसके बाद, भारत का महासागर
December 17, 2010
राही के लिए लेकिन, ये ही मंज़िल होगी...
वख्त का दायरा बिखर रहा हो,
एक ख्वाब मुरझाये
दूसरा खिलता-सा हो
सिमट-सिमट लहरों से,
सूरज बहने को हो...
दूर से आवाज़ एक,
मुझको बुला लेगी
शबनम की बूँदें फिर
बिखर, बिखर जायेंगी
हवा में उदासी भी
फूलों में किलकारी,
धुंधले से रस्ते पर
पैर के निशां होंगे
मौत-मौत!... गूँज उठेगा सारी बगिया में
राही के लिए लेकिन,
ये ही मंज़िल होगी...
- 15th Sept, 1972
एक ख्वाब मुरझाये
दूसरा खिलता-सा हो
सिमट-सिमट लहरों से,
सूरज बहने को हो...
दूर से आवाज़ एक,
मुझको बुला लेगी
शबनम की बूँदें फिर
बिखर, बिखर जायेंगी
हवा में उदासी भी
फूलों में किलकारी,
धुंधले से रस्ते पर
पैर के निशां होंगे
मौत-मौत!... गूँज उठेगा सारी बगिया में
राही के लिए लेकिन,
ये ही मंज़िल होगी...
- 15th Sept, 1972
December 1, 2010
सूखे से जीवन-उपवन में...
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