March 20, 2013

सुबह होती है शाम होती है...

सुबह होती है शाम होती है,
जिंदगी यू ही तमाम होती है...

October 18, 2012

प्रिय! सांध्य गगन मेरा जीवन...

यह क्षितिज बना धुंधला विराग,
नव अरुण, अरुण मेरा सुहाग,
छाया सी काया वीतराग,
सुधिभीने स्वप्न रंगीले घन!
प्रिय! सांध्य गगन मेरा जीवन - (महादेवी वर्मा)
 








































 

September 3, 2012

Equifinality

रस्ते अलग-अलग हैं
मगर मंजिल तो एक है...

May 27, 2012

"she"....

a gauntlet!... scribbled in a notebook back in mid 70s